बापू एक बार इस भारत में आ जाओ
हमारे देश भारत की यह विडम्बना हीं है, कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले, एक दूसरे के प्रति सद्भावना के लिए हमेशा कहने वाले, महात्मा गांधी ने इस भारतभूमि पर जन्म लिया, जो पूरे विश्व की प्रेरणाश्रोत रहे, किन्तु हमारे हीं देश में आज उनके विचारों को दबा कर, हम एक नए भारत का निर्माण करने पर तुले हैं, जो छल कपट, द्वेष भावना, इत्यादि से भरा रहे; ऐसे समय में बापू के विचारों का फिर से भारत में आना बहुत ही आवश्यक जान पड़ता है, इसलिए, यह कविता बापू को फिर से एक बार भारत में बुलाने की एक चेष्टा है।
यदि आपको यह कविता पसंद आए, तो अवश्य हीं शेयर करें।
👇👇👇👇👇कविता यहां है👇👇👇👇👇👇
⊱✿ ✣ ✿⊰
बापू तेरे वचन आज भी, कानों में गुंजन करते हैं,
प्रेम, सद्भावना, एकता सभी, दिल पर चढ़ते उतरते हैं..।
जिस क्षण सत्य अपने मार्ग पर, एक कदम बढ़ाता है,
प्रवंचना, झूठ, फरेब सब, ठोकर मार गिराता है..।
बापू ऐसे कठिन समय में, कुछ तो राह दिखा जाओ,
छोड़ो हठ को एक बार फिर, इस भारत में आ जाओ।
देखो ना ये नए छोकड़े, कैसी शिक्षा पाते हैं,
करते टुकड़े भारत के और, इंसाल्लाह चिल्लाते हैं,
इतने पर भी कुछ नेतागण, उन्हीं की राग में गाते हैं;
बापू इन भटके युवा को, कुछ समझाने आ जाओ..
छोड़ो हठ को एक बार फिर, इस भारत में आ जाओ।
आपके विचार से जब कभी सशस्त्र बल, अहिंसावादी बन जाते हैं,
तथाकथित नौजवान देश के, उनपर पत्थर बरसाते हैं..!
देश के दहशतगर्दों की, अटूट ढाल बन जाते हैं..!
बापू इन भटके युवा को, सही राह दिखा जाओ,
छोड़ो हठ को एक बार फिर, इस भारत में आ जाओ।
एक वीर है जो तेरे, पदचिन्हों पर चलता है,
स्वच्छ भारत और एक भारत का, स्वप्न लिए निकलता है,
पूरी दुनिया बस उसके, आलोचना में लग जाती है,
सत्य ही है कि सत्य अहिंसा, उसी समय मर जाती है;
बापू एक बार तुम्ही, अहिंसा का पाठ पढ़ा जाओ..
छोड़ो हठ को एक बार फिर, इस भारत में आ जाओ।
⊱✿ ✣ ✿⊰
⊱✿ ✣ ✿⊰
इस कविता को नीचे दिए लिंक से क्लिक कर के, YouTube पर सुने 👇👇👇👇👇
धन्यवाद।
सृृजनात्मक्ता अतुलनीय ,प्रशंसनीय है,
ReplyDeleteबढे चलो, रूको नहीं ,लिखे चलो थको नहीं ...............
धन्यवाद मामा जी।
Deleteआपकी कृपा बनी रहे..तो अवश्य ही ऐसा रहेगा।
सृृजनात्मक्ता अतुलनीय ,प्रशंसनीय है,
ReplyDeleteबढे चलो, रूको नहीं ,लिखे चलो थको नहीं ...............